2. कबीर दास जी के दोहे / Kabir Das ji ka doha
आवत गारी एक है , उलटत होइ अनेक।
कह कबीर नहिं उलटिए, वही एक की एक।
हिंदी व्याख्या - कबीरदास जी कहते हैं कि जब किसी के द्वारा दी गई कोई गाली आती है तो वह अपने आप में एक होती है। लेकिन जब इसी गाली को प्रतिक्रिया स्वरुप लौटाया जाता है तो यह अनेक गालियों का रूप ले लेती है। इसलिए हमें किसी के अभद्र वचनों पर भी बुरी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। कहने का भाव है कि प्रतिक्रिया में एक गाली भी नहीं देनी चाहिए। अथार्थ बुराई को बुराई से नष्ट नहीं करना चाहिए।
English Explanation - Kabir ji says when somebody abuses others, he receives in myriad. So we should try to keep away from using a abusing language to anybody. Even we must not reciprocate a single abuse. The poet means to say that evil can't kill evil.
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